शरण में तुम्हारी , मुझे दो ठिकाना

शरण में तुम्हारी , मुझे दो ठिकाना



धुन- मुझे प्यार की ज़िन्दगी

शरण में तुम्हारी , मुझे दो ठिकाना
जरा हाथ मेरे , सर पे फिराना |

सूना श्याम तेरा , नियम जय निराला
शरण जो भी आया , बना रखवाला
चौखट पे तेरी , खड़ा है दीवाना || १ ||

तुझको भुलाकर , मंज़िल से भटका
माया के ज़ालिम , झमेले में अटका
तेरा काम भूले को , रास्ता दिखाना || २ ||

बुरे से बुरे को , तुमने है तारा
तेरा " हर्ष " पूछे , मुझे क्यों बिसारा
बुराई से हमको , सदा तूँ बचाना || ३ ||

जय श्री राधे कृष्ण


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