
गली-२ में गूँज रहा है जय श्रीराम जय वीर हनुमान
लगता है जैसे गलियों में उतर आये खुद चारो धाम |
मस्ती का माहोल बना है और गूँज रहे है जयकारे
हनुमत के प्यारे पहुँच रहे है हाथ बटाने को सारे
अपना वादा पूरा करने वहा पहुँच गए खुद भगवान
गली-२ में गूँज रहा है जय श्रीराम जय वीर हनुमान ||1||
ये गली आज दरबार बन गयी नूरो की वर्षा के साथ
मिलने लगे उपहार मुरीदो को हनुमत से हाथो हाथ
दूर-दूर तक पहुँच गया यूँ भक्तो को प्रभु का पैगाम
गली-२ में गूँज रहा है जय श्रीराम जय वीर हनुमान ||2||
राधे ‘श्याम’ और भोले बाबा देवो के संग पहुँच गए
यूँ प्रभु कृपा के देख लिए भक्तो के नज़ारे नित नए
टेर लगाते रहे नाम की प्रेम भाव से तेरे भक्त तमाम
गली-२ में गूँज रहा है जय श्रीराम जय वीर हनुमान ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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