तेरी मेरी खूब बनेगी,खूब  निभेगी श्याम

तेरी मेरी खूब बनेगी,खूब निभेगी श्याम



तर्ज:सावन का महीना,पवन करे शोर

तेरी मेरी खूब बनेगी,खूब निभेगी श्याम सेवक तुमको चाहिए,मालिक मुझको श्याम |

गंगा जल से,चरण पखारूँगा , घिस-घिस चन्दन,तिलक लगाउँगा , रंग बिरंगे बागे,पहनाऊंगा तुझे श्याम ||1||
फरमाओगे जो भी,वही मैं करूंगा , करूंगा मैं सेवा तेरी,हाज़री भरूंगा , रुच-रुच भोग बनाके,खिलाऊंगा तुझे श्याम ||2||
चरण दबाऊंगा मैं,चवँर डुलाऊँगा , होगी महर तेरी,भजन सुनाऊंगा , झूम-झूम के 'टीकम',रिझाउंगा तुझे श्याम ||3||

जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णायसमर्पणं

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