
हनुमान के चेहरे से एक नूर टपकता है
मुखड़े पे सदा इसके एक तेज चमकता है |
श्री राम की सेवा का परिणाम है बजरंगी,
अनहोनी कर देता वो नाम है बजरंगी ,
दुष्टों के खातिर ये शोले सा दहकता है ||1||
श्री राम से भक्ति मिली सीता से शक्ति मिली,
भक्तों की श्रेणी में इसे पहली पंक्ति मिली,
भक्ति रस से इसका हर रोम छलकता है || 2 ||
जिसपे खुश हो जाता श्री राम से मिलवाता,
उसकी रक्षा खातिर ये काल से भिड़ जाता,
हर पल का रखवाला ये कभी न थकता है || 3 ||
इस भक्त शिरोमणि को मैं शीश नवाता हूँ ,
दिल की इक छोटी सी फरियाद सुनाता हूँ,
श्री राम के दरश करा बिन्नू ये तरसता है || 4 ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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