
सखी श्याम बड़े दिल के कठोर निकले
चोरी चोरी चले गए बडे चोर निकले l
मे तो समझी थी जीवन दाता है
मेरे जीवन के भाग्य विधाता है
न जाने क्यूँ मुँह मोड़ निकले ll1ll
मैं मथुरा नगरिया जाऊंगी
जा के बापस मैं उनको लाऊंगी
पूछूँगी क्यूँ दिल तोड निकले ll2ll
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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