
तर्ज-पहले प्यार का पहला गम
श्याम दिया ही खाते हम,
श्याम ही नाम रटे हर दम,
श्याम ही मेरे जीने का सहारा,
साँवरिया बिन कोई ना हमारा |
वो ईक दिन था जो सब हमको गले से लगाते थे,
पाॅवमे काटां चुभ जो जाऐ आॅसू बहाते थे,
आज जो विपदा आई है सबने बात भूलाई है
कर लिया मुझसे सबने आज किनारा ||1||
जब थी खुशीयां पास हमारे लोग बुलाते थे,
बात हो कोई साथ है तेरे ये समझाते थे,
दुःख के जब दो पल आए कौन इस दिल को समझाए
कर दिया मुझको जग मे बेसहारा ||2||
भर भर आसूँ खूब मै रोया इस दर आया था,
धीर बँधाने दिल को मेरे श्याम ही आया था,
"यश"को श्याम ने समझाया पास बुलाकर बिठलाया,
ना रो बेटा अब मै तुम्हारा अब से नही तू जग मे बे सहारा ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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