तुम सझ धझ कर बैठे हो

तुम सझ धझ कर बैठे हो



धुन- तेरी प्यारी प्यारी सूरत को

तुम सझ धझ कर बैठे हो,
किसी की नज़र ना लगे श्याम सरकार,
मेरे दिलदार ||

लाल गुलाब के फूलों से , किसने तुम्हें सजाया है,
महक रहा दरबार तुम्हारा , इतना इत्र लगाया है,
तुम इतने प्यारे लगते हो || १ ||

केसर चंदन तिलक लगा , बैठा बैठा मुस्काये,
केसरियो बागा पहने हो , भक्तों के मन को भाये,
तुम भोले भाले हो बाबा || २ ||

आज तेरा दरबार लगा , गूँज रहा है जैकारा,
दुनियाँ आयी लूटने खातिर , खोल दे बाबा भण्डारा,
" बनवारी " नज़र उतारूँ तेरी || ३ ||

जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: