
धुन- ना झटको जुल्फ से पानी
न रूठो श्याम तुम मुझसे , मुझे तेरा सहारा है
तेरे तो लाखों सेवक हैं , नहीं दूजा हमारा है || टेर ||
तुम्हारी भीख की खाता , सहारे तेरे इठलाता
छुड़ाया हाथ अगर तूने , भला फिर क्या होगा हमारा || १ ||
तूँ नरसी के लिये दौड़ा , सुदामा को भी अपनाया
वेद सब ये ही दोहराये , तूने गणिका को तारा है || २ ||
हमारी जान ले लेगा , तेरा चुचाप यूँ रहना
अगर बोलो तो हँस लेंगे , नहीं कुछ जोर हमारा है || ३ ||
विनय भक्त ये करता , प्रभु मंज़ूर कर लेना
बिठालो अपने चरणों में , ये सेवक दुःख का मारा है || ४ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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