
नाम को तेरे प्यारे जप के
प्यारी साथ बुलाऊँ |
मोर मुकुट घुँघराली अलके
माला भी पहिराऊँ ||१||
लहंगा चूनर प्यारी पहिरे
नित श्रंगार धराऊँ ||२||
सुन्दर तेरे नयन कटीले
कजरा खूब लगाऊँ ||३||
नासिका पर मोतिन झूले
अधरन बंशी धराऊँ |||4||
जब भी खोलूँ मन की आँखे
दर्शन तेरा पाऊँ ||५||
राधा के संग रमण करौ तुम
राधारमण तेरो यश गाऊँ ||६||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणं
0 Comments: