
धुन- दिल के अरमाँ आँसू में
दिल जुदाई में तेरे बेचैन है
दिन गुजर जाता न कटती रैन है || टेर ||
आ रहा है प्रीत करने का मज़ा
उसमें खुश हूँ जिसमें तेरी है रजा
तेरे दर पे ही लगे ये नैन हैं || १ ||
जुल्म क्या होते रहेंगे यूँ हज़ूर
चाहने वालों से क्यों रहते हो दूर
गम के मारे हैं ना पड़ता चैन है || २ ||
सामने तेरे नज़र उठती नहीं
आदतें मुझसे मेरी छुटती नहीं
अब तेरी दुरी ना होती सहन है || ३ ||
गम पे गम मिलने पै आते याद हो
" श्याम बहादुर " दिल मैं तुम ईजाद हो
उफ़ करूँगा ना कहूँ कुछ वैन है || ४ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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