
चंदन पहरे नाव हरि बैठे,
संग वृषभान दुलारी हो |
यमुना पुलिन फूल शोभित ,
तहां खेलत लालबिहारी हो ll1ll
त्रिविध पवन बहत सुख दायक ,
शीतल मंद सुगंधा हो |
कमल प्रकाश कुसुम बहु ,
फूले जहां राजत नंदनंदा हो ll2ll
अक्षय तृतीया अक्षय लीला,
संग राधिका प्यारी हो |
करत विहार सबे सखी सों,
नंददास बलहारी हो ll3ll
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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