
धुन- साँवरा तेरा जलवा
श्याम सरकार की याद आई
प्राण व्याकुल भए , नैन की पुतलियाँ डबडबाई ||
क्या कन्हैया ने हलचल मचाई
फिर कैसे सहें अपने जिगरी की जिगरी जुदाई || १ ||
प्यार की दे रहा दिल दुहाई
हाले दिल क्या कहें नींव विश्वास की डगमगाई || २ ||
प्रीत को क्यों मेरी गुदगुदाई
भावना में बहें नींद फुरकत में तेरी गँवाई || ३ ||
" श्याम बहादुर " तेरी " शिव " वफाई
देखते ही रहें क्या गजब की तेरी दिलरुबाई || ४ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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