माँ भगवती के चरणों में जब भीभक्तों ने दिल से

माँ भगवती के चरणों में जब भीभक्तों ने दिल से




माँ भगवती के चरणों में जब भी
भक्तों ने दिल से गुहार लगाई है
माँ ऊँचें भवनों को छोड़ दौड़ी-२ आई है

तेजोमयी ,त्रिभुवन सुंदरी ने
सर्द, गर्म की नहीं की परवाह
नरम बिछोने पे पग धरिणी
कुशा पे भवानी मेरे यहाँ जीमने आई है||1||

शेर सवारी अम्बे मात की
अटल भवन में राट करें
इक मेरी आवाज़ पे मात भवानी
पइयां-२ मीलों दूर कष्ट मिटाने आई है||2||

सुंदर ,सौम्य मृगनयनी मैया
स्वर्ण मुकुट ,स्वर्ण माल, स्वर्ण कुंडल
मुझ गरीब, तुच्छ मानव पे
कृपा दृष्टि बरसाने नवरूप धारके आई है||3||

माँ भगवती के चरणों में जब भी
भक्तों ने दिल से गुहार लगाई है
माँ ऊँचें भवनों को छोड़ दौड़ी-२ आई है.||4||

''जय श्री राधे कृष्णा ''






Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: