
श्री बाँके बिहारी हो आप मेरे प्राणाधार
कृष्ण दिखला दो मुख इक बार
तुझे मिलने को आँखे तरस रही
याद मे तेरी , बाँके बरस रही अँखिया मेरी
नित बहती असुवन धार
माधव दिखला दो मुख इक बार||1||
तेरे नैनों ने कैसा जादू डारा हैं
दिल लुट लिया श्याम हमारा हैं
बिन तेरे हैं ये जीवन बेकार
कान्हा दिखला दो मुख इक बार||2||
कब से हो बिछडे मीत मेरे
मैं हार गयी तुम जीत गये
अब तो आ जाओ दिलदार
बिहारी दिखला दो मुख इक बार||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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