
जय गणेश गिरिजा सुअन मंगल मूल सुजान|
हनुमान वंदन करूँ , जय हो कृपा निधान ||
जय हनुमान दया के सागर, संकट मोचन शरण दान कर |
शंकर रूप लिया धरती पर, दया करो अब हम पर सब पर ||1||
सूर्य देव हैं गुरु तुम्हारे देते सबको शक्ति|
चाहे कोई करे ना करे उनकी कोई भक्ति ||2||
सूर्य शिष्य हो तुम भी करते रहना यह उपकार|
हम हैं अज्ञानी हम मूरख करना बेड़ा पार ||3||
बैठ पताका रथ की तुमने अर्जुन का भी काम किया|
दे आशीस दया कर देना जीवन तेरे नाम किया||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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