दरबार में सच्चे सद्गुरु के  दुःख दर्द मिटाए जाते हैं |

दरबार में सच्चे सद्गुरु के दुःख दर्द मिटाए जाते हैं |



दरबार में सच्चे सद्गुरु के
दुःख दर्द मिटाए जाते हैं |

ये महफ़िल है मस्तानों की
हर शख्स यहाँ मतवाला ,
भर भर के जाम इबादत के
यहाँ सबको पिलाये जाते हैं ||१ ||

ऐ जगवालो क्यों डरते हो
इस दर पे शीश झुकाने से ,
ऐ नादानों ये वह दर है
सिर भेंट चढ़ाये जाते हैं ||२ ||

इल्जाम लगाने वालो ने
इल्जाम लगाये लाख मगर
तेरी सौगात समझ कर के
हम सिर पे उठाये जाते हैं ||३ ||

जिन प्यारों पर ऐ जगवालो
हो खास इनायत सद्गुरु की
उनको ही संदेशा आता है
और वो ही बुलाये जाते हैं ||४ ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


     

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