
प्रभु हम पे कृपा करना ,प्रभु हम पे दया करना
बैकुंठ तो यही है ,हृदय में रहा करना |
गूंजेंगे राग बनकर ,वीणा की तार बनकर
प्रगटोगे नाथ मेरे ,ह्रदय में प्यार बनकर
हर रागिनी की धुन पर ,स्वर बनकर उठा करना ||१||
नाचेंगे मोर बनकर हे श्याम तेरे द्वारे
घनश्याम छाए रहना ,बनकर के मेघ कारे
अमृत की धार बनकर ,प्यासों पे दया करना ||२ ||
तेरे वियोग में हम ,दिन रात है उदासी
अपनी शरण में ले लो ,हे नाथ बृज के वासी
तुम सोहम शब्द बनकर ,प्राणों में रमा करना ||३ ||
प्रभु हम पे कृपा करना ,प्रभु हम पे दया करना
बैकुंठ तो यही है ,हृदय में रहा करना |
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: