हम  प्रेम  दीवानी  हैं  वो  प्रेम  दीवाना  हैं ,

हम प्रेम दीवानी हैं वो प्रेम दीवाना हैं ,



हम  प्रेम  दीवानी  हैं  वो  प्रेम  दीवाना  हैं ,
उद्धो    हमें  ज्ञान  की  पोथी  ना  पढ़ाना

तन  मन  जीवन  श्याम  का  श्याम  हमारा  कारण ,
रोम  रोम  में  बस  रहा  वो  मतवाला  श्याम ..
इस  तन  में  तेरे   योग  का  नहीं  कोई  ठिकाना
हम  प्रेम  दीवानी  हैं||१ ||

उद्धो  इन  आन्सुअन  को  हरी  सन्मुख  लाइए  जो ,
पूछे  हरी  कुशल  तो  चरणों  में  दीजो  चादहाये  
कहियो  जी  इस  प्रेम  का  ये  तुच्छ  नजराना
हम  प्रेम  दीवानी  हैं||२ ||

पहले  तो  नज़रों  के  सामने  रहते  थे  वो  घनश्याम ,
अब  तो  मथुरा  जा  बसे  वो  निर्मोही  श्याम
एक  वो   ज़माना  था  और  ये  भी  ज़माना  है
हम  प्रेम  दीवानी  हैं||३ ||

हम  प्रेम  दीवानी  हैं  वो  प्रेम  दीवाना  हैं ,
उद्धो    हमें  ज्ञान  की  पोथी  ना  पढ़ाना

''जय श्री राधे कृष्णा ''

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: