
दुनियाँ तेरी कहती है, हम तो फ़कीर हैं
रहते हम तो मस्ती में, तेरे करीब हैं
हम न होते फ़कीर गर, तू कैसे दातार
तुम तो मालिक हो मेरे, मैं हूँ ताबेदार
बगिया रहती हरी भरी, मेरे नसीब है
दुनियाँ तेरी कहती है, हम तो फ़कीर हैं||1||
दर तेरे हम आते हैं, मिलता तेरा दीदार
परवाह नहीं किसी की, तुमसा पा करतार
दानी तुमसा मिल गया, मेरे नसीब है
दुनियाँ तेरी कहती है, हम तो फ़कीर हैं||2||
रखना अपनी तुम महर, तेरा हूँ कर्ज़दार
कर्जा चुका न पाउँगा, तेरा मैं सरकार
हूँ खुशनसीब मैं, रहना फ़कीर है
दुनियाँ तेरी कहती है, हम तो फ़कीर हैं||3||
''जय श्री राधे कृष्णा''
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