
भोले नाथ से निराला,
गौरी नाथ से निराला कोई और नहीं,
ऐसी बिगड़ी बनाने वाला कोई और नहीं |
ऊनका डमरू डम-डम बोले,
अगम निगम के भेद खोले |
ऐसा भक्तोँ को रखवाला कोई और नहीं ||1||
काया जब-जब करवट बदले,
पाप चमकते अगले पिछले |
ऐसा डमरू बजाने वाला कोई और नहीं ||2||
तुमने जग का कष्ट मिटाया,
मुझको स्वामी क्यों बिसराया |
अब तो मुझको बचाने वाला कोई और नहीं||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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