
छोड़ के सारे बन्धन जग के, कृष्णा से प्रीत लगा ले।
गोविन्द के गुण गा ले, मनवा गोपाल के गुण गा ले॥
भुगत लिये सुख-दुख जग के, सभी अरमान निकाले।
अब भी समय है मूरख वन्दे, जी भर कर पछता ले॥
यहाँ सभी को मिलते धोखे, किन-किन से पड़ते पाले
गोविन्द के गुण गा ले, मनवा गोपाल के गुण गा ले॥1||
जगत के सब आकर्षण नश्वर, सब हैं तेरे देखे भाले।
भटक रहा अब तक प्यारे, पग-पग मिले तुझे छाले॥
कर ले भक्ति प्रभु की अब, कृपा कृष्ण की तू पा ले।
गोविन्द के गुण गा ले, मनवा गोपाल के गुण गा ले॥2||
जाने किन-किन पापों से, कितने ही घट भर डाले।
तोड़ दे घटों को अब तो, कहीं पड़ न जायें लाले॥
छोड़ के सारे बन्धन जग के, कृष्णा से प्रीत लगा ले।
गोविन्द के गुण गा ले, मनवा गोपाल के गुण गा ले॥3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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