
भोले मेरी बात, छुपी नहीं है तुमसे
जाओगे कहाँ चुराके,अँखिया मुझसे
आया हूँ शरण में मैं, शम्भू त्रिपुरारी
नयनों में समाये हो,तुम जटाधारी||1||
डाले हो गले में नाग,तुम दिगम्बर
मस्ती में झूमते,भांग धतूराधर||2||
भस्मी रमाये हो, अपने तन पर
चरणों की रज दो,कृपा कर हम पर||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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