
भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया
मेरे घर भी आना रे कन्हैया
मैं तेरी दासी बिना मोल की
दर से ना ठुकराना रे कन्हैया
मेरी ये आँखे तुम बिन तड़पत
और ना अब तडपना रे कन्हैया
भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया||1||
कोई ये पीड़ा समझे ना समझे
तुम ना हमे भूल जाना रे कन्हैया ...
भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया ||2||
अंत समय जब प्राण कंठ हो
सुन्दर रूप दिखाना रे कन्हैया
भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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