
गुरू का नाम जिह्वा पर तेरी जो आ गया होता
भटकना पड़ता ना तुमको, कन्हैया मिल गया होता।
गुरू मारग दिखाते हैं गुरू विधा सिखाते हैं
गुरू में एक शक्ति है शरण प्रभु की बिठाते हैं,
पकड़ दामन अगर लेता तो जीवन धन्य हो जाता।|1||
चरण सौगात काफी है गुरू का साथ काफी है
कृपा करूणा की बरसाते गुरू का हाथ काफी है,
चमक जाता दमक जाता साथ गुरूवर का मिल जाता।|2||
जमाना एक सपना है यहाँ पर कौन अपना है
ध्यान रख उनकी छबि मन में गुरू का मंत्र जपना है,
गुरू चरणों की रज मस्तक लगाकर धन्य हो जाता।|3||
इन्हीं चरणों में शक्ति है इन्हीं चरणों में भक्ति है
यही मंजिल तो पावन है ये दुनियां चल के बसती है,
गुरू प्रेमी अगर होता तो संकट टल गया होता।|4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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