तेरा किसने किया श्रृंगार साँवरे

तेरा किसने किया श्रृंगार साँवरे





तेरा किसने किया श्रृंगार साँवरे 
दूल्हा सा लगे है दिलदार साँवरे  |

मस्तक पर चन्दन केसर तिलक लगाया
मोर मुकुट माथे पर कुंडल , इतर बहुत बरसाया
 महकता रहे ये दरबार साँवरे  ||1||

बागो से कालिया चुन चुन कर सुंदर हार बनाया
रहे सलामत हाथ सदा हो जिसने तुम्हें सजाया
सजाता रहे वो हर बार साँवरे ||2||

बोल कन्हैया बोल तुझे में कौन सा भजन सुनाओ
ऐसा कोई राग बता , तू नाचे ,गौरी गाये
नाचता रहू में हर बार साँवरे ||3||

गौरी गाये तुझको रिझाये
दे दे तू करुणा भरा प्यार साँवरे
में तेरी हो जाऊ 

 दिलदार साँवरे||4||


''जय श्री राधे कृष्णा ''

 

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