
तेरा किसने किया श्रृंगार साँवरे
दूल्हा सा लगे है दिलदार साँवरे |
मस्तक पर चन्दन केसर तिलक लगाया
मोर मुकुट माथे पर कुंडल , इतर बहुत बरसाया
महकता रहे ये दरबार साँवरे ||1||
बागो से कालिया चुन चुन कर सुंदर हार बनाया
रहे सलामत हाथ सदा हो जिसने तुम्हें सजाया
सजाता रहे वो हर बार साँवरे ||2||
बोल कन्हैया बोल तुझे में कौन सा भजन सुनाओ
ऐसा कोई राग बता , तू नाचे ,गौरी गाये
नाचता रहू में हर बार साँवरे ||3||
गौरी गाये तुझको रिझाये
दे दे तू करुणा भरा प्यार साँवरे
में तेरी हो जाऊ
दिलदार साँवरे||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: