
प्रभु, मैंने तुम संग प्रीत लगाई,
भक्तिभाव से, नाम में तेरे,
अपनी सुध बिसराई,
मैंने तुम संग प्रीत लगाई
मन मन्दिर में तुम्हे बसाया,
जीवन रथ मेरा तुमने सम्हाला,
चिंता हर ली सारी,
मोरी चिंता सबरी मिटाई,
मैंने तुम संग प्रीत लगाई ||1||
नामस्मरण चिंतन चित अर्पण
गुण वर्णन भजनों में समर्पण,
मन सुख शान्ति समायी,
मोरे मन सुख शान्ति समायी,
मैंने तुम संग प्रीत लगाई ||2||
काम क्रोध मत्सर से दुर्गुण,
अंहकार के विष का प्राशन,
इनसे मुक्ति दिलाई,
मुझे इनसे मिली रिहाई,
मैंने तुम संग प्रीत लगाई ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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