
संकट हरैगी, करैगी भली वृषभानु की लली
published on 05 September
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संकट हरैगी, करैगी भली वृषभानु की लली
तेरे संकट हरैगी करैगी भली वृषभानु की लली
बरसानेवारी तू मेरी सहाय
.दीन दुखिन कूं निज दरस करायै
मोकू भी जानो तुम दीन-दुखी||1||
.
कृष्ण पियारी सुन मेरी पुकार
जग सौं छुड़ाए मोहे चरनन में डार
तेरे महलन के कोने रहूँ मैं पड़ी||2||
बरसाने धाम जन्म तुम लियौ
.गहवर वन भीतर बिहार कियौ
तिहारी प्यारी लागै मोहे रंगीली गली||3||
नीलाम्बर पहने हरिदास दुलारी
गल हार हीरन कौ बैंदी भी प्यारी
तेरी नथली लागै हमें प्यारी बड़ी||4||
त्रिभुवन पति तूने बस में किये
जहाँ पग धरो श्याम तहं नैना धरे
अरी मुक्ति हूँ तेरे चरण में पड़ी||5||
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राधा श्री राधा श्री राधा कहे
कोटि जग बाधा कूं पल में हरे
दुष्टन के दल में मचे खलबलि||6||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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