
मुकुट वारो कुन्जन में सटकि गयो रे|
जनम को रारी, है नाम बनवारी
हमारो जिया वही में अटकि गयो रे||1||
कदम की छैया चरावे नित गैया
हमारो जिया वही में अटकि गयो रे||2||
हमारी गली आयो, तनिक मुस्कायो
हमारो जिया वही में अटकि गयो रे||3||
ब्रज की डगर पे बजावे जो बांसुरिया
हमारो जिया वही में अटकि गयो रे||4||
'' जय श्री राधे कृष्णा ''
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