
जायेगा जब यहाँ से कुछ भी न पास होगा
दो गज कफन का टुकड़ा तेरा लिबास होगा ||
काँधे पे धर ले जाये परिवार वाले तेरे
यमदूत ले पकड़ कर डोलेगे घेरे तेरे
पीटेगा छाती अपनी ,कुनबा उदास होगा
दो गज कफन का टुकड़ा तेरा लिबास होगा ||१||
चुन -चुन कर लकड़ियों में ,रखेंगे तेरे बदन को
आकर झट उठा ले मेहतर तेरे कफन को
दे देगा आग तुझमें ,बेटा जो ख़ास होगा
दो गज कफन का टुकड़ा तेरा लिबास होगा ||२||
मिटटी में मिले मिटटी ,बाकी खाक होगी
सोने सी तेरी काया, जल कर के राख होगी
दुनिया को त्याग तेरा मरघट में वास होगा
दो गज कफन का टुकड़ा तेरा लिबास होगा ||३||
हरी का नाम जपते भव -सिन्धु पार होते
माया मोह में फँसकर जीवन अमॊल खोते
हरी का नाम जप ले ,बेडा जो पार होगा
दो गज कफन का टुकड़ा तेरा लिबास होगा ||४ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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