
हरिनाम बिना नर ऐसा है।
दीपक बिन मंदिर जैसा है॥
जैसे बिना पुरुष की नारी है।
जैसेपुत्रबिना माहतारी है।
जलबिन सरोबर जैसा है।
हरिनाम बिना नर ऐसा है॥१॥
ठुठर बिन वृक्ष बनाया है।
जैसा सुम संचरी नाया है।
जिनका घर पूतेर जैसा है।
हरिनाम बिना नर ऐसा है॥2॥
मीराबाई कहे हरिसे मिलना।
चाह जन्ममरणकी नही करना ।
बिन गुरु का चेला जैसा है।
हरिनामबिना नर ऐसा है॥3॥
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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