किसी का राम किसी का श्याम

किसी का राम किसी का श्याम



किसी का राम किसी का श्याम
 किसी का गोपाला
जाकि जैसी भक्ति बाबा
 वैसा ही रंग डाला

तेरे कितने रुप है देवा
 जिसने की जैसी सेवा
कोई जल और फूल चढ़ाता,
 कोई चढ़ाये मिश्री मेवा||1||

कहीं बिराजे तू सोने पर,
कहीं साँई बैठा पत्थर पर
जाकी जैसी कुटिया बाबा
 वैसा ही पग डाला ||2||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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