. अबके नवरात मोरे अँगना पधारो,

. अबके नवरात मोरे अँगना पधारो,



ऐ....... अबके नवरात मोरे अँगना पधारो, जगदम्बे भवानी।
अँगना पधारो, मैरे संकट निवारों।
अँगना पधारो, मैरे संकट निवारों।
संकट निवारों मैरी बिगड़ी सुधारो, जगदम्बे भवानी।


पहली नवरात मैरे पाप नाश करना।
दूसरी नवरात कष्ट संताप हरना।
तीसरी नवरात भरम दिल के मिटाना।
चौथी नवरात मैरी किस्मत चमकना।
ऐ....... पाँचवी नवरात मैरे अवगुण बिसारो, जगदम्बे भवानी। |1||

षष्ठी की रात्री, छुटकारा मोह जाल से।
सातवीं नवरात गाउँ महिमा सुर ताल से।
अष्टमी को आना रूप, अष्ट भुज धार कर।
नवमी को निष्काम भक्ति का देना वर।
ऐ....... तुम हो तारण हार, मैया मुझको भी तारो, जगदम्बे भवानी। |2||

करती हो मैया सबकी पूरी मनोकामना।
मैरे भी दिल मे है दर्शन की भावना।
टूटे ना मैरे विश्वास की ये डोरी।
तरस रहे कान मैरे सुनने को लोरी।
ऐ....... अपने सरल को बेटा कहकर पुकारो, जगदम्बे भवानी।|3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''



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