
भक्तो की खातिर जगदम्बे , इस जग में फिर आएँगी |
कलयुग में फिर एक बार , अपना दरबार सजाएंगी ||
उपवन फिर से महक उठेंगे , मैया जी के स्वागत में |
सब नजर गड़ाए बैठेंगे , माँ तेरे दीदारो की चाहत में ||
जैसे निभाती आई पहले , माँ फिर से आज निभाएंगी |
भक्तो की खातिर जगदम्बे , इस जग में फिर आएँगी ||1||
भक्तो के भाग्य उदय हों जायेंगे , मैया के आशीषो से |
झोली भक्तो की भर जायेगी , मैया की बक्शीशो से ||
अपने दोनों हाथो से मैया , खुद उपहार लुटाने आएँगी |
भक्तो की खातिर जगदम्बे , इस जग में फिर आएँगी ||2||
जय कारों से मैया जी के , पूरा अम्बर भर जायेगा |
घंटे घडियालो की धुन में , ये पूरा जग खो जायेगा ||
कौन राम है कौन ‘श्याम’ , ये बात समझ न आएगी |
भक्तो की खातिर जगदम्बे , इस जग में फिर आएँगी ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा''
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