
ऐ री मैँ तो प्रेम दीवानी,
published on 07 September
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ऐ री मैँ तो प्रेम दीवानी,
मेरो दरद न जाणे कोय।
सूली ऊपर सेज हमारी,
सोवन किण बिध होय ।
गगन मँडल पर सेज पिया की,
किण बिध मिलना होय ॥1||
घायल की गति घायल जाणे,
जो कोई घायल होय ।
जौहरी की गति जौहरी जाणे,
और न जाणे कोय ॥2||
दरद की मारी बन बन डोलूँ,
बैद मिल्या नहीँ कोय ।
मीरा की प्रभु पीर मिटै जद,
बैद साँवरिया होय॥3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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