ऐ री मैँ तो प्रेम दीवानी,

ऐ री मैँ तो प्रेम दीवानी,



ऐ री मैँ तो प्रेम दीवानी,
मेरो दरद न जाणे कोय।

सूली ऊपर सेज हमारी,
सोवन किण बिध होय ।
गगन मँडल पर सेज पिया की,
किण बिध मिलना होय ॥1||

घायल की गति घायल जाणे,
जो कोई घायल होय ।
जौहरी की गति जौहरी जाणे,
और न जाणे कोय ॥2||

दरद की मारी बन बन डोलूँ,
बैद मिल्या नहीँ कोय ।
मीरा की प्रभु पीर मिटै जद,
बैद साँवरिया होय॥3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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