तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तु कितना सुन्दर होगा.

तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तु कितना सुन्दर होगा.



तुझे देखकर श्याम हमारा, मन वश में क्यूँ कर होगा
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तु कितना सुन्दर होगा |

तुझे देखने को मैं क्या, हर सेवक तरसा करता है
इन नयनो से झर-झर कर यूँ सावन बरसा करता है
इन्द्र धनुष की छटा बिखेरे, रूप का तु सागर होगा ||1||
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श्याम वर्ण नंद के नंदन, अधरो पे मुरली प्यारी है
तेरी बांकी अदाये यु लागे, ज्यूँ तिरछी कोई कटारी है
अम्बर से अमृत बरसेगा, सामने प्यारे जब तु होगा ||2||
हे कमलनयन, मुरलीवाले, भक्तो को यूँ तरसाओ
नयनो की प्यास बुझा दो, तुम अपनों पे सितम यूँ ढाओ
तेरा रूप निरखने को तेरे, मेरा  मन आतुर होगा ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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