
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे ।
नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सँभाले |
हरि आप ही उठावे तेरा भार, उदासी मन काहे को करे ||1||
काबू में मँझधार उसी के, हाथों में पतवार उसी के ।
तेरी हार भी नहीं है तेरी हार, उदासी मन काहे को करे ||2||
सहज किनारा मिल जायेगा, परम सहारा मिल जायेगा ।
डोरी सौंप के तो देख एक बार, उदासी मन काहे को करे ||3||
गर निर्दोष तुझे क्या डर है, पग पग पर साथी ईश्वर है ।
जरा भावना से कीजिये पुकार, उदासी मन काहे को करे ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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