मन की तरंग मार लो बस हो गय भजन ।

मन की तरंग मार लो बस हो गय भजन ।




मन की तरंग मार लो बस हो गय भजन ।
आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन ॥

आऐ हो तुम कहाँ से जाओगे तुम जहाँ ।
इतना सा बस विचार लो बस हो गया भजन ॥1||

कोई तुमहे बुरा कहे तुम सुन करो क्षमा ।
वाणी का स्वर संभार लो बस हो गया भजन ॥2||

नेकी सबही के साथ में बन जाये तो करो ।
मत सिर बदी का भार लो बस हो गया भजन ॥3||

कहना है साफ साफ ये सदगुरु कबीर का ।
निज दोष को निहार लो बस हो गया भजन ॥4||


''जय श्री राधे कृष्णा ''


Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: