मुरली बजाके मोहन, क्यों कर लिया किनारा,

मुरली बजाके मोहन, क्यों कर लिया किनारा,



मुरली बजा के मोहन, क्यों कर लिया किनारा,
अपनों से हाय कैसा, व्यव्हार है तुम्हारा |
ढूंढा गली-गली में, खोजा डगर-डगर में,
मन में यही लग्न है दर्शन मिलें दुबारा।|1||


मधुबन तुम्हीं बताओ, मोहन कहाँ गया है,
कैसे झुलस गया है कोमल बदन तुम्हारा |।2||

यमुना तुम्हीं बताओ, छलिया कहाँ गया है,
तू भी चली गयी है कहती है नील धारा ।|3||

दुनिया कहे दीवानी, पागल कहे जमाना,
तमको न भूल जाना हमको नहीं गँवारा ।|4||


''जय श्री राधे कृष्णा ''
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