
भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना
अब तक जो निभाया है आगे भी निभा देना|
पापी कई तारे तुम, भव तारक हो भगवन
अपराध क्षमा करना, यदि मुझसे हुआ भगवन
चाहो जो सजा देना, चरणों में सजा लेना ||1||
तुम बिन न मेरी हस्ती, जो कुछ भी है तेरा है
यहाँ कोई नहीं मेरा, जग रैन बसेरा है
गल्ती जो करूँ भगवन, सुत समझ भुला देना ||2||
पूरी मेरी चाहत हो, वो चाहत तेरी हो
नैनों में बसो हरदम, आँखें बस मेरी हो
तुम मुझमें रहो भगवन, या खुद में समा लेना ||3||
मैं जाँउ कहाँ बोलो, अब तुम ही कहो भगवन
तेरे दर पे आया हूँ, शरणागत हूँ भगवन
या दिल में बसो मेरे, या दिल में बिठा लेना||4||
गर पथ से भटक गया, तो राह दिखा देना
नासमझ समझ कर के, मेरी बिगड़ी बना देना
भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना ||5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: