
निर्मल मन से, सजल नयन से, माँगू यही वरदान
इन अँखियो से दूर न होना, मेरे प्रियतम श्याम
हे! प्यारे श्यामसुन्दरहे मेरे गोविन्द
नयनों से दूर न होना, न होना मेरे श्याम प्यारे
जग से हारा, बालक तुम्हारा
तेरी शरण में पड़ा है बिचारा.
दया की नजर अब करो न, करो न, मेरे श्याम प्यारे.||1||
आस दरश की कब से लगी है
बड़ी छोटी सी मेरी जिंदगी है
टूट न जाये खिलौना, खिलौना, मेरे श्याम प्यारे||2||
पाप किया है, मैंने भारी
फिर भी सुध प्रभु ले लो हमारी
गलती को मेरी गिनो न, गिनो न, मेरे श्याम प्यारे ||3||
दर्शन तेरा, पाकर रहेंगे
दिल की व्यथाये सारी, तुझसे कहेंगे
बालक की अरज सुनो न, सुनो न, मेरे श्याम प्यारे ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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