
राधे कृष्णा – कृष्णा,
राधे कृष्णा – कृष्णा
दु:ख के साधन लाख जुटा ले
निज रक्षा पहरे बिठवा ले
अंत समय जब आ जाएगा
कुछ भी साथ ना जा पाएगा
झूठ मूठ की शान के चलते,
याद न आया कृष्णा ||1||
पद के मद में चूर तू ऐसा
भाए तुझको केवल पैसा
जिनकी कृपा से पद पर पहुँचा
उन के बल को क्यूँ न समझता
करुँ अरज मैं बनवारी से,
सन्मति दें श्री कृष्णा||2||
.
अब भी समझ मूढ अभिमानी
कृष्ण बिना जीवन बेमानी
जीवन सार समझ जाएगा
मोहन खुद ही मिल जाएगा
उनके मिलते ही मन मुरख,
मिट जाएगी तृष्णा ||3||
श्वासों का धागा ये कच्चा
गोविन्द नाम एक है सच्चा
रिश्ते सभी छूट जाएँगें
हर कोई तुम्हे भूल जाएँगें
जपले बन्दे राधे राधे,
मिल जाएँगें कृष्णा ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: