मोहन की मुरली बाजी रे यमुना के तीर
published on 11 September
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मोहन की मुरली ,
बाजी रे यमुना के तीर |
मुरली बजाके मन हर लीन्हा
कैसे बँधाऊ में मन को धीर
बाजी रे मुरली यमुना के तीर ||1||
काली कमलिया,काले कन्हैया
काला है यमुना का नीर
बाजे रे मुरली यमुना के तीर ||2||
ना तन बस में, ना मन बस में
कैसी सखी है ये पीर
बाजी रे मुरलिया यमुना के तीर ||3||
रोम रोम मनमोहन बैठा
बंधी प्रेम जंजीर
बाजी रे मुरलिया यमुना के तीर ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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