कान्हा अनाड़ी करे जोर जोरी

कान्हा अनाड़ी करे जोर जोरी





कान्हा अनाड़ी करे जोर जोरी
 बैयाँ पकड़मोरी बैयाँ मरोड़ी
छेड़े सताए डगर मोरी रोके 
ना माने बेदर्दी करे बरजोरी |

पनिया भरण को री मै तो गयी थी
कान्हा ने वहाँ मोहे घेर लई थी
गगरी मोरी फोड़ी इंडरी मोरी तोड़ी रे
चुनरी भिगो दी छलिया ने मोरी रे||1||
..
बोलूंगी ना मै,ना कुछ मै कहूँगी
मनाये ना जब तक मै रूठी रहूंगी
कोई जाके कह दे कन्हैया से मोरी
ना मानेगी उनसे ये ग्वालिन की छोरी रे||2||

लागी कटारी करेजवा में छलिया
रे कान्हा बजा ना तू ऐसी मुरलिया
सुधबुध खोके पवनिया सी होके
चली आएगी दौड़ी राधा ये तोरी रे .||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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