मेरे बाँके-बिहारी नन्दलाल,न करियो इतना श्रंगार
published on 11 September
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मेरे बाँके-बिहारी नन्दलाल,
न करियो इतना श्रंगार
नजर तोहे लग जाएगी|
तोरे माथे पे सोहे चन्दन लाल ,
उपर से गल बैजन्ती माल ||1||
तोरे गोरे -गुलाबी गाल,
उपर से घूँघर वारे बाल.||2||
तोरे कारे-कारे मतवारे नैना ,
उपर से मीठी वारी मुस्कान ||3||
तोरे प्यारे-प्यारे लागे बोल,
उपर से ये मतवारी चाल .||4||
तोरा प्यारा लागे पीला -पटका ,
मेरा तो मन वहीं है अटका .||5||
मोहे प्यारी लागे मुरली धुन ,
मैनें तो खो दी है सुध-बुध ||6||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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