भोर भजो गोविन्द गोविन्द ,
published on 11 September
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भोर भजो गोविन्द गोविन्द ,
सांझ भजो गोपाला
सोवत, जागत , हरिगुन गावत ,
सानंद भजो नंदलाला ||
मोर मुकुट, सुन्दर लट,
अधर निकट बांसुरी
पीताम्बर सोहे कटी ,
वैजयंती गल माला ||1||
करुणामय, सुलोचन,
श्याम ह्रदय अमृतघन
चरणों में ब्रिन्दाबन ,
सुमिरो बन ब्रिजबाला ||2||
नील गगन, श्याम वदन,
श्याम गंध, श्याम किरन
पंछी स्वर बन्सी धुन ,
कण कण बसे गोपाला ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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