भोर भजो गोविन्द गोविन्द ,

भोर भजो गोविन्द गोविन्द ,



भोर भजो गोविन्द गोविन्द ,
सांझ भजो गोपाला
सोवत, जागत , हरिगुन गावत ,
सानंद भजो नंदलाला ||

मोर मुकुट, सुन्दर लट,
अधर निकट बांसुरी
पीताम्बर सोहे कटी ,
वैजयंती गल माला ||1||

करुणामय, सुलोचन,
श्याम ह्रदय अमृतघन
चरणों में ब्रिन्दाबन ,
सुमिरो बन ब्रिजबाला ||2||

नील गगन, श्याम वदन,
श्याम गंध, श्याम किरन
पंछी स्वर बन्सी धुन ,
कण कण बसे गोपाला ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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