सावन का महीना, झुलावे चित चोर,
published on 11 September
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सावन का महीना, झुलावे चित चोर,
धीरे झूलो राधे पवन करे शोर।
मनवा घबराये मोरा बहे पूरवैया,
झूला डाला है नीचे कदम्ब की छैयां।
कारी अंधियारी घटा है घनघोर,
धीरे झूलो राधे पवन करे शोर।|1||
सखियां करे क्या जाने हमको इशारा,
मन्द मन्द बहे जल यमुना की धारा।
श्री राधे जी के आगे चले ना कोई जोर,
धीरे झूलो राधे, पवन करे शोर।|2||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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