
सताओ ना हमे उधो हमे दिल की बिमारी है।
हमारा वैद दुनिया में तो बस बांके बिहारी हैं॥
संदेशा श्याम का लाये कटारी क्यूँ नहीं लाये।
जहर का प्याला ले आते ख़तम होती बिमारी है॥1||
ना अब हम आँख खोलेंगे, ना मुख से कुछ भी बोलेंगे।
मिलादों श्याम से ए उधो, येही विनती हमारी है॥2||
मोहन कर गए वादा, मैं परसों लौट आउंगा।
परसों से हुए बरसो, नहीं सुध ली हमारी हैं॥3||
ना हमने भांग है खायी, ना विष का पान ही किया।
हमारे तन में और मन में, उन्ही की याद समायी है ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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