
कितना प्यारा है श्रृंगार कि तेरी लेउ उतार
कितना प्यारा है।
साँवरियाँ तुमको किसने सजाया है ,
तुझे सुंदर से सुन्दर गजरा पहनाया है |
केसर चन्दन तिलक लगाकर सज धज कर बैठो है।
लग गए तेरे चार चाँद जो तूने पहने हार
कितना प्यारा है।
सांवरिया तेरा चेहरा चमकता है।
तेरा कीर्तन बहुत बड़ा दरबार महकता है।|१||
किसी भगत से कहकर काहना काली टीकी लगवा लो ।
या फिर तू बोले तो लेउ नून राई वार ,
कितना प्यारा है।
सांवरिया तेरे भगतों को तेरी फिकर
कही लग न जाये तुझे दुनिया की बुरी नज़र ||२||
पता नहीं तू किस रंग का है आज तलक ना जान सकी।
बनवारी हमने देखे है तेरे रंग हज़ार
कितना प्यारा है।
सांवरिया थोडा बच बच के रहना जी
कभी मान भी लो कान्हा भक्तों का कहना जी।
सांवरिया तेरा रोज़ करू श्रृंगार
कभी कुटिया में मेरी आ जाओ एक बार।|३||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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