मुरली वाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई।

मुरली वाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई।



मुरली वाले ने घेर लई, 
अकेली पनिया गई।

मै तो गई थी, यमुना तट पे,
 कान्हा खड़ा था रे पनघट पे।
मेरी घाघरिया ओड गई ||1||

श्याम ने मेरी चुनरी झटकी, 
सर से मेरे गिर गई मटकी।
बईयामेरी मरोर गई, ||2||

लाख कही पर एक न मनो, 

भरने न दे वो मोहे पानी।
मरे लाज के मै घर गई, ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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