हे! बांके बिहारी गिरधारी, हो प्यार तुम्हारे चरणों में.
नटवर, मधुसुदन, बनवारी, हो प्यार तुम्हारे चरणों में |
मैं जग से ऊब चुकी मोहन, सब जग को परख चुकी सोहन
अब शरण तिहारी गिरधारी, हो प्यार तुम्हारे चरणों में.||1||
भाई, सुत, नार, कुटुम्बी जन, वे मेरे केश करे बंधन
सब स्वारथ के येह संसारी, हो प्यार तुम्हारे चरणों में ||2||
पापी या जापी नर-नारी, इन चरणों से जिनकी यारी
उनके हरि हो तुम भयहारी, हो प्यार तुम्हारे चरणों में ||3||
मैं सुख में रहु चाहे दुःख में रहु, काँटों में रहु या फूलो में रहु
वन में, घर में, जहाँ भी रहू, हो प्यार तुम्हारे चरणों में ||4||
मन के मंदिर में आओ तुम, नस नस में श्याम समाओ तुम
तुमरे हैं हम, हमरे हो तुम, हो प्यार तुम्हारे चरणों में ||5||
नख कुंद कांती कस्तूरी सम, चर्चित चन्दन अर्पित मम मन
तेरे चरणों की बलिहारी, हो प्यार तुहारे चरणों मैं ||6||
इस जीवन के तुम जीवन हो, हे श्याम तुम्ही मेरे धन हो
सुख शांति मूल तप चिंतन हो, हो प्यार तुम्हारे चरणों में ||7||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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